Earthquake News Live :
1 घंटे में तीन बार म्यांमार में काफी धरती । 12 मिनटों में दो झटके महसूस किए गए एयरटेल पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.2 और 7 मापी गई है।
इस तीव्रता के भूकंप अक्सर बहुत बड़ी तबाही मचाते हैं ।
इधर बैंकॉक में भी इसका कुछ प्रभाव दिखाई दिया है बैंकॉक में ऊंची इमारत झट से गिरकर धराशाही हो गई । भूकंप के झटके चीन बांग्लादेश भारत तक महसूस किए गए हैं आगे जानिए विस्तार में
1 घंटे में तीन बार म्यांमार में कापी धरती:
म्यांमार में तीन तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार को आए इन झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। ये झटके थाईलैंड तक महसूस किए गए।
पहला भूकंप सुबह 11:50 बजे आया। इसकी तीव्रता 7.2 थी। दूसरा झटका दोपहर 12:02 बजे महसूस किया गया, इसकी तीव्रता 7 थी। तीसरा झटका एक बजे आया, जिसकी तीव्रता 4.9 थी।

थाईलैंड में भी दिखा भूकंप का असर:
भीषण भूकंप के बाद म्यांमार और थाईलैंड में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। बैंकॉक में इसका सबसे ज्यादा असर देखा गया। स्टॉक एक्सचेंज ने कारोबार स्थगित कर दिया है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.2 और 7.0 थी। पहले दोनों भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में था, जबकि तीसरा जमीन से 22.5 किलोमीटर गहराई में आया।
भारत हर संभव सहायता के लिए तैयार: पीएम मोदी
म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा कि वे म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हैं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है और विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है।
कोलकाता, इंफाल, और मेघालय के पूर्वी गारो हिल्स में हल्के झटके महसूस हुए;
शुक्रवार को बैंकॉक में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद कोलकाता, इंफाल, और गारो हिल्स में झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार था, जो मोनीवा से लगभग 50 किलोमीटर पूर्व में है। कोलकाता और आसपास के इलाकों में झटके आए। मणिपुर के उखरुल जिले में दोपहर 1:07 बजे भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 2.5 थी। गारो हिल्स में भी हल्की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।
बांग्लादेश में भी झटके महसूस हुए;
बांग्लादेश के ढाका और चटगांव में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली। बांग्लादेश मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप दोपहर 12:25 बजे आया। इसका केंद्र बांग्लादेश सीमा के पास म्यांमार के मांडले में था। ढाका से भूकंप के केंद्र की दूरी 597 किलोमीटर है।
भूकंप (Earthquake):
क्यों आता है आइए जानते है…
पृथ्वी की सतह का हिलना है। यह पृथ्वी के स्थलमंडल (Earth’s lithosphere) में अचानक ऊर्जा के निकलने से होता है। इससे भूकंपीय तरंगें (seismic waves) बनती हैं। किसी क्षेत्र की भूकंपीयता (Seismicity) उस समय में अनुभव किए गए भूकंपों की आवृत्ति, प्रकार और आकार को दर्शाती है।
भूकंप ज्यादातर भूगर्भीय दोषों (geological faults) के टूटने से होते हैं। लेकिन ज्वालामुखी गतिविधि, भूस्खलन, खदान विस्फोट, और परमाणु परीक्षण भी कारण बन सकते हैं। भूकंप का केंद्र (epicenter) हाइपोसेंटर या फोकस कहलाता है। हाइपोसेंटर के ठीक ऊपर, ग्राउंड लेवल पर एक बिंदु होता है जिसे epicentre कहते हैं।
पृथ्वी का कांपना एक सामान्य घटना (common phenomenon) है। इंसान को इसकी जानकारी प्राचीन काल से है। स्ट्रॉन्ग-मोशन एक्सेलेरोमीटर के विकास से पहले, भूकंपीय तीव्रता का अनुमान पृथ्वी के हिलने की तीव्रता पर लगाया जाता था। पिछले शताब्दी में, झटकों के स्रोत को पृथ्वी की पपड़ी में टूटने के रूप में पहचाना गया। किसी भी इलाके में कंपन की तीव्रता स्थानीय दूरी और जमीनी परिस्थितियों पर निर्भर करती है। यह टूटने की ताकत या परिमाण (Volume) पर भी निर्भर करती है।
भूकंप की भविष्यवाणी भूकंप विज्ञान के तहत की जाती है। यह भविष्य के भूकंपों के समय, स्थान और मैग्नीट्यूड के बारे में बताने से संबंधित है। कई तरीके विकसित किए गए हैं, लेकिन सटीक भविष्यवाणी अभी संभव नहीं हो पाई है।
भूकंप की तीव्रता मापने का पहला पैमाना चार्ल्स एफ. रिक्टर (Charles F. Richter) ने 1935 में विकसित किया ।
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